अकाउंट मैनेजर का ‘खेला’, पत्नी के खाते में ट्रांसफर किए लाखों रुपये
नोएडा में एक कंपनी के अकाउंट मैनेजर ने कंपनी के 66 लाख रुपए हड़प लिए। अकाउंट मैनेजर ने कंपनी से गबन किए गए पैसों को अपनी पत्नी के खाते में ट्रांसफर कर दिया। कंपनी के खातों का ऑडिट होने पर अकाउंट मैनेजर की जालसाजी का पता चला। इसके बाद थाना फेस 2 में अकाउंट मैनेजर व उसकी पत्नी के खिलाफ धोखाधड़ी व गबन का मुकदमा दर्ज कराया गया।
सेक्टर 88 स्थित मेसैनिक इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंधक पुनीत ओबराय ने दर्ज रिपोर्ट में बताया कि उनकी कंपनी में अरुण कुमार यादव अकाउंट मैनेजर के पद पर कार्यरत है बीते 31 मार्च को कंपनी के कार्य प्रबंधक आशुतोष सिंह तथा अकाउंट बाबू कुशाग्र गुप्ता ने खातों का ऑडिट किया।
इस दौरान पता चला कि कंपनी के 6610000 रूपये गायब हैं। जांच के दौरान पता चला कि अकाउंट्स मैनेजर अरुण कुमार यादव ने कंपनी के यह पैसे अपनी पत्नी प्रेमलता के खाते में ट्रांसफर किए हैं। फर्जीवाड़े को अंजाम देने के लिए अरुण कुमार ने अकाउंट्स की फाइलों में भी कूटरचना की और जाली दस्तावेज लगाए। पति-पत्नी के खिलाफ धोखाधड़ी व गबन का मामला दर्ज कराया गया है। पुलिस मामले की जांच पड़ताल कर रही है।
कोरियर कंपनी में चोरी अलमारी से उड़ाए लाखों रुपए
जानकारी के अनुसार नोएडा के थाना सेक्टर-49 क्षेत्र की एक कोरियर कंपनी की अलमारी से 166000 रूपये चोरी कर ले गए। चोरी की है पूरी घटना कंपनी में लगे सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हो गई। सिकंदराबाद निवासी वसीम खान ने दर्ज रिपोर्ट में बताया कि वह डिलीवरी लिमिटेड कंपनी में असिस्टेंट मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं उनकी कंपनी सलारपुर नाले के पास स्थित है।
4 अप्रैल को कंपनी का कर्मचारी तेज सिंह ने ऑफिस खोलने गया उसे शटर का ताला टूटा हुआ मिला। कंपनी के भीतर जाने पर पता चला कि अंदर रखी अलमारी के लॉक भी टूटे हुए हैं। वसीम खान ने बताया कि उनकी कंपनी में रखी आलमारी से 166000 रूपये चोरी कर ले गए हैं।
उन्होंने जब कंपनी में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज खंगाली तो उसमें दो युवक अलमारी का ताला तोड़ते हुए दिखाई दिए इसके अलावा कंपनी के बाहर कर लेकर भी दो युवक खड़े दिखाई दिए। उन्होंने बताया कि कंपनी की अन्य ब्रांच में भी पूर्व में कई बार चोरी की घटनाएं हो चुकी हैं। पुलिस का कहना है कि पीडि़त की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया गया है सीसीटीवी फुटेज से चोरों की पहचान करने का प्रयास किया जा रहा है।