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सुपरटेक बिल्डर का नया कारनामा: बैंक में गिरवी रखे फ्लैट को बेच दिया

ग्रेटर नोएडा । ठगबाज सुपरटेक बिल्डर द्वारा भोले-भाले लोगों को फ्लैट व शॉप देने के नाम पर जमकर ठगा गया है। हाल में ही सुपरटेक बिल्डर का एक नया कारनामा सामने आया है। सुपरटेक के चेयरमैन व शातिर ठग आरके अरोड़ा ने बैंक में गिरवी रखें फ्लैट को एक व्यक्ति को बेच दिया। पीडि़त ने थाना बिसरख में सुपरटेक के चेयरमैन सहित चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।

ग्रेटर नोएडा वेस्ट के इको विलेज-1 में रहने वाले संजय सिंह ने बताया कि उन्होंने 5 फरवरी 2021 को सुपरटेक बिल्डर से फ्लैट खरीदा था। फ्लैट की एवज में उन्होंने 73,80,599 अदा किए थे। 1 सितंबर 2021 को उन्हें फ्लैट का फिजिकल पजेशन बिल्डर द्वारा दे दिया गया था। इसके बाद से वह लगातार मेंटेनेंस और बिजली के बिल का भुगतान कर रहे हैं।

बीते 14 मार्च 2024 को उन्हें एडीएम कोर्ट का एक नोटिस मिला नोटिस में लिखा था की बुक फ्लैट इंडियन बैंक के पास गिरवी रखा हुआ है संजय सिंह के मुताबिक इस बारे में सुपरटेक के चेयरमैन आरके अरोड़ा तथा अन्य लोगों ने उन्हें कोई जानकारी नहीं दी थी नोटिस मिलने के बाद से बेहतर था उनका पूरा परिवार मानसिक तनाव में है। फ्लैट बेचने के समय उनसे फ्लैट के गिरवी होने वाली बात को पूरी तरह छुपाया गया था।

संजय सिंह का कहना है कि उसकी तमाम जमा पूंजी इस फ्लैट में लगी हुई है। संजय सिंह ने सुपरटेक के चेयरमैन, आरके अरोड़ा एमडी मोहित अरोड़ा, सेल्स हेड योगेश गोस्वामी, मैनेजर सेल्स राजमंगल तथा अन्य डायरेक्टर के खिलाफ धोखाधड़ी सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है।

कैंसर और पैरालिसिस पीड़ितों को भी नहीं बख्शा, जालसाजों ने ठगे लाखों रुपए

जानकारी के अनुसार ग्रेटर नोएडा में जलपुरा गांव के डूब क्षेत्र में प्लाट बेचने के नाम पर जालसाजों ने सात लोगों से एक करोड़ 12 लाख रुपए ठग लिए। आरोपियों ने पीडि़तों के नाम फर्जी बैनामे भी कर दिए। जालसाजों की ठगी का शिकार हुए लोगों में  एक कैंसर तथा पैरालिसिस की पेशेंट भी है। पीडि़तों ने थाना ईकोटेक-3 में मुकदमा दर्ज कराया है।

निशा, रानी, ललिता देवी, रंजीत सिंह, मीना देवी, निर्मला कुमारी, राम, कैलाश सिंह तथा अवधेश कुमार ने दर्ज रिपोर्ट में बताया कि उन्होंने जलपुरा गांव में अक्षरधाम पार्ट 2 कॉलोनी में श्याम चरण मिश्रा, जगदेव गिरी, प्रमोद गिरी, मुकेश मिश्रा, संदीप शर्मा से प्लॉट खरीदा था। सातों लोगों से प्लॉट की एवज में एक करोड़ 20 लाख रुपए लेकर उनके नाम बैनामा कर दिया गया। बैनामा कराने के बाद जब वह अपने प्लॉट पर पहुंचे तो जमीन के मूल मलिक राम व हरिराम ने यह कहते हुए उनकी जमीन पर कब्जा कर लिया कि श्याम चरण मिश्रा, जगदेव गिरी व प्रमोद गिरी ने उनके पूरे खेत की कीमत अदा नहीं की है। इसके बाद वह पिछले 8-10 वर्षों से थाना तहसील के अधिकारियों को चक्कर लगाते रहे।

पीडि़तों के मुताबिक आरोपी श्याम चरण मिश्रा, मुकेश मिश्रा, प्रमोद गिरी, जयदेव गिरी, सीताराम गिरी भूमाफिया किस्म के लोग हैं और सैकड़ों लोगों को इस तरह से अपनी जालसाजी का शिकार बना चुके हैं। जमीन का मालिकाना हक न होने के बावजूद भी आरोपियों ने फर्जी तरीके से उनके नाम बैनामा कर पैसे हड़प लिए। जालसाजों की शिकार बनी निशा रानी कैंसर तथा ललिता देवी पैरालिसिस से पीडि़त हैं। डीसीपी सेंट्रल के निर्देश पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है

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