मुंबई गया एक्टर बनने, हताश होकर लगा ली फांसी
जीवन में सफलता के सपने पूरे ना होने पर हताशा में आज के युवा घातक कदम उठा रहे हैं। ऐसे ही दो मामले ग्रेटर नोएडा में सामने आए हैं। ग्रेटर नोएडा में बीबीए करने के बाद एक्टर बनने का सपना लेकर मुंबई गए एक छात्रा ने हताश होकर फांसी लगा ली। वहीं एक छात्रा ने पढ़ाई में कमजोर होने के कारण फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। युवक युवती ने सुसाइड नोट में अपने अभिभावकों से माफी मांगते हुए आत्महत्या के लिए किसी को भी दोषी नहीं ठहराया है।
मूलरूप से ग्राम जमशेदपुर पिनाहट आगरा निवासी उमेश सिंह का (20 वर्षीय) पुत्र विकास गुर्जर शाहबेरी गांव में अपने दोस्तों के साथ रह रहा था। वह कॉलेज से बीबीए कर रहा था। कुछ समय पूर्व वह एक्टर बनने की चाहत लेकर मुंबई चला गया था। करीब 10 दिन पहले ही वह मुंबई से वापस लौटा था। मुंबई से वापस लौटने के बाद वह मानसिक तनाव से ग्रस्त था। सोमवार के सुबह उसके दोस्त कॉलेज चले गए। दोपहर बाद जब वह कॉलेज से वापस लौटे तो उन्हें विकास गुर्जर फांसी के फंदे पर लटका हुआ मिला।
उन्होंने इसकी सूचना थाना पुलिस को दी। पुलिस ने शव का पंचनामा भरकर उसे पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया। थाना प्रभारी ने बताया कि मौके से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है। सुसाइड नोट में विकास गुर्जर ने अपने इस कदम के लिए अपने मां-पिता से माफी मांगते हुए लिखा है कि वह जो बनना चाहता था नहीं बन पाया। जीवन में वह पूरी तरह निराश हो चुका है। इस कारण आत्महत्या कर रहा है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजकर परिजनों को हादसे की जानकारी दे दी गई है।
वहीं थाना सेक्टर-63 क्षेत्र के ग्राम बहलोलपुर में रहने वाले सिवान बिहार निवासी सिहासन की (17 वर्षीय) पुत्री अनुज कुमारी ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना के समय परिजन घर से बाहर गए हुए थे। मौके से पुलिस को कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि किशोरी पिछले कुछ दिनों से मानसिक तनाव में थी।
पढ़ाई नहीं कर पा रही, माँ-बाप का पैसा बर्बाद नहीं करूंगी
थाना नॉलेज पार्क क्षेत्र के नॉलेज पार्क के एक कॉलेज से बी-टेक कर रही काम्या पुत्री भूप सिंह ने हॉस्टल के कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। सूचना मिलने पर नॉलेज पार्क पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया है। मौके से पुलिस को सुसाइड नोट भी मिला है। सुसाइड नोट में काम्या ने लिखा है कि वह अपनी पढ़ाई ठीक से नहीं कर पा रही है। इस कारण वह आगे परिजनों के पैसों को पढ़ाई में बर्बाद नहीं करना चाहती। इसी कारण वह आत्महत्या कर रही है।