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सावन में पूजा पाठ के साथ खान पान में बदलाव भी है जरूरी

सावन माह भक्ति, शक्ति एवं खान पान सभी में बदलाव को सूचित करने वाला समय है। आध्यात्मिक रुप से उसकी शक्ति में वृद्धि का समय होता है तथा व्रत, जप एवं तप की परंपरा का आगाज भी इसी माह से आरंभ हो जाता है।

सावन का महीना जहां शिव पूजा के लिए विशेष रखता है, वहीं यह समय मौसम एवं प्रकृति के बदलाव के साथ साथ चातुर्मास के प्रथम मास का समय भी होता है। चारों ओर का वातावरण शिवमय दिखाई देता है। भोले की भक्ति में डूबे भक्त हर पल कुछ नया अनुभव भी करते हैं। सावन के इस माह के दौरान होने वाले बदलावों के प्रति खुद को तैयार रखने के साथ साथ इस महीनें में नियमों के प्रति ध्यान बनाए रखने की भी आवश्यकता होती है।

Sawan Rules 2023

सावन माह भक्ति, शक्ति एवं खान पान सभी में बदलाव को सूचित करने वाला समय है। आध्यात्मिक रुप से उसकी शक्ति में वृद्धि का समय होता है तथा व्रत, जप एवं तप की परंपरा का आगाज भी इसी माह से आरंभ हो जाता है। इस महीने और आने वाले मासों में प्रभु की कृपा पाने के लिए तरह-तरह के उपाय किए जाते हैं। तो इसके अलावा व्यक्ति के खान पान में भी बदलाव करने आवश्यक होते हैं। व्रत एवं सात्विक भोजन की ओर विशेष जोर दिया जाता है।

सावन में रखें इन बातों का ध्यान

इस माह भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने का विचार शास्त्रों द्वारा वर्णित प्राप्त होता है। इसके अतिरिक्त इस माह से ही कुछ नियमों का आरंभ हो जाता है जिनका पालन करने से व्यक्ति को शक्ति एवं बल की भी प्राप्ति होती है। स्वास्थ्य को लाभ मिलता है रोगों से लड़ने की क्षमता विकसित होती है। इस माह में व्रत का अनुसरण करने के पीछे कई वैज्ञानिक तर्क भी हैं तथा भोजन में जिन चीजों को नहीं खाने का निर्देश दिया जाता है उनके पीछे भी सटीकता का बोध होता है।

सावन में इन चीजों का सेवन होता है मना

सावन के मौसम में दही का सेवन करना उचित नहीं माना गया है। दही इस समय पाचन के लिए एवं शरिर हेतु अधिक उपयुक्त नहीं होता है। सावन माह में पत्तेदार सब्जियां जैसे की साग, पालक, मूली इत्यादि को खाने की मनाही बताई गई है। इस मौसम में पत्तेदार सब्जियों में कई तरह के कीटाणु तेजी से पनपने लगते हैं और ऐसे में यह सब्जियां यदि उचित रुप से देखभाल के साफ सफाई से नहीं बनाई जाएं तो परेशानी हो सकती है। इसके अलावा यह पाचन क्षमता पर भी असर डालती हैं।

सावन माह के दौरान मांसाहारी व्यंजन अथवा तामसिक भोजन से परहेज करना ही उचित होता है। यह सभी कुछ स्वास्थ्य के लिए हितकर नहीं माना जाता है। सावन माह के दौरान लहसुन और प्याज का उपयोग करने की भी मनाही होती है।

सावन में करें यह कार्य

सावन माह में जीवन को सुखमय बनाने और अपने शरीर को बलिष्ठ रखने के लिए शुचिता का पालन किया जाना ही आरोग्य प्रदान करने वाला होता है। सावन माह में व्यक्ति को स्नान, दान एवं जप जैसे कार्य करने चाहिए तथा अपनी मान्यताओं के अनुसार आध्यात्मिक अनुष्ठानों को अवश्य करना चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति के शरीर एवं उसकी मसिकता को बल प्राप्त होता है। प्रकृति के प्रति सजग होते हुए जीव जन्तुओं के प्रति दया एवं करुणा को मन में धारण करना चाहिए तभी पशुपतिनाथ महादेव का आशीर्वाद हम सभी को प्राप्त हो सकता है तथा जीवन प्रेम एवं भक्ति से परिपूर्ण होता है।

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