आमदनी बढ़ाने के लिए किसान कर रहे हैं अनोखे प्रयोग, उगा रहे हैं रंग-बिरंगे तरबूत
इन दिनों किसान अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए आए दिन नए प्रयोग कर हैं। इसी प्रकार का एक प्रयोग उत्तर प्रदेश में हो रहा है।
इन दिनों किसान अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए आए दिन नए प्रयोग कर हैं। इसी प्रकार का एक प्रयोग उत्तर प्रदेश में हो रहा है। उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के कुछ किसानों ने यहां ताईवान की तर्ज पर रंग-बिरंगे तरबूज व खरबूजे उगाने शुरू किए हैं।
बुलंदशहर में अब विदेशों की तर्ज पर मल्टी कलर तरबूज और खरबूजा का उत्पादन हो रहा है। मल्टीकलर तरबूज और खरबूज का उत्पादन कर किसान क्षेत्र को एक नई पहचान दे रहे हैं। 35 बीघा खेत में पीले, लाल, हरे, केसरिया रंगों के तरबूज और खरबूजे पैदा किए जा रहे हैं। रंग और स्वाद के कारण मार्केट में इनकी खूब डिमांड है।
बुलंदशहर में हरे पीले लाल केसरिया तरबूज और खरबूजा का उत्पादन हो रहा
बुलंदशहर में विदेशों की तर्ज पर मल्टी कलर खरबूजे और तरबूज का उत्पादन हो रहा है। जिले के फल पट्टी क्षेत्र सियाना के किसान अब आम की विभिन्न फसलों का उत्पादन करने के बाद तरबूज और खरबूजो की विभिन्न और मल्टी कलर फसलो का उत्पादन कर रहे हैं। फल पट्टी क्षेत्र के कई गांवों में इन मल्टीकलर तरबूज खरबूजो का उत्पादन हो रहा है। गांव बरहाना के एक 35 बीघा खेत में किसान दीपक त्यागी ने मल्टीकलर तरबूज और खरबूजो का उत्पादन शुरू कर दिया है। इन मल्टी कलर तरबूज खरबूज में पीले लाल हरे केसरिया रंगों के खरबूज और तरबूज शामिल हैं। मल्टी कलर खरबूजा और तरबूज का स्वाद भी सामान्य से बेहतर होता है और उनकी पैदावार भी अधिक होती है। इनकी क्वालिटी और स्वाद की वजह से किसान को इसका ऊंचा दाम मिल रहा है।
ताइवान की तर्ज पर बुलंदशहर में उगाए जा रहे मल्टीकलर फल
मल्टी कलर तरबूज और खरबूज की खेती अब तक मद्रास, महाराष्ट्र और कर्नाटक में होती थी। ताइवान की तर्ज पर इस खेती को शुरू किया गया था। इस खेती को सिर्फ 2 वर्ष में दो बार किया जा सकता है। अब तक 3 राज्यों में होने वाली खेती को अब बुलंदशहर के किसानों ने भी शुरू कर दिया है। यह मल्टी कलर तरबूज देखने में स्वाद में और क्वालिटी में सामान्य तरबूज और खरबूजे से बेहतर है इसलिए इनके मार्केट में ऊंचे रेट मिल रहे हैं जिससे किसान की आमदनी बेहतर हो रही है।