“मोगेम्बो खुश हुआ” फिल्मी पर्दे का ऐसा खलनायक जिनकी आवाज से लगता था डर
अगर फिल्म इंडस्ट्री के सबसे फेमस विलेन की बात करें तो अमरीश पुरी आज भी लोगों की पहली पसंद के तौर पर जाने जाते हैं। आज ही के दिन यानी की 22 जून को अमरीश पुरी का जन्म हुआ था।
बॉलीवुड के आइकोनिक विलेन अमरीश पुरी ने हिन्दी फिल्मों के साथ ही हॉलीवुड़ की फिल्मों में अपनी अदाकारी की वो अमिट छाप छोड़ी जिसका आज तक हर कोई कायल है। फिल्म मिस्टर इंडिया में निभाया गया मोगेम्बो का किरदार और उसका डॉयलाग “मोगेम्बो खुश हुआ” अपने आप में बेमिसाल है। आज जब भी कोई खुश होता है तो सहज ही उसके मुंह से ये डॉयलाग निकल जाता है। आज इस महान अदाकार का जन्म हुआ था।
अगर फिल्म इंडस्ट्री के सबसे फेमस विलेन की बात करें तो अमरीश पुरी आज भी लोगों की पहली पसंद के तौर पर जाने जाते हैं। आज ही के दिन यानी की 22 जून को अमरीश पुरी का जन्म हुआ था। उन्होंने 40 साल की उम्र में बॉलीवुड में कदम रखा था और देखते ही देखते वह अपने निगेटिव किरदार से लोगों की पसंद बन गए। लोग विलेन के तौर पर दर्शकों ने भी उन्हें काफी प्यार दिया।
अमरीश पुरी का जन्म और शिक्षा
पंजाब में 22 जून 1932 को अमरीश पुरी का जन्म हुआ था। इनके पिता का नाम लाला निहास सिंह और मां का नाम वेद कौर था। अमरीश पुरी चार भाई-बहन थे। अमरीश पुरी ने अपनी शुरूआती शिक्षा पंजाब से पूरी की। इसके बाद वह आगे की पढ़ाई के लिए शिमला चले गए। शिमला से उन्होंने बी एम कॉलेज से अपनी पढ़ाई पूरी कर अभिनय की दुनिया का रुख किया। शुरूआती दिनों में वह रंगमंच से जुड़े रहे। अमरीश पुरी को रंगमंच से बेहद लगाव था।
बीमा निगम में की नौकरी
बता दें कि बॉलीवुड के सबसे फेमस विलेन अमरीश पुरी ने 21 सालों कर कर्मचारी बीमा निगम में बतौर क्लर्क के तौर पर काम किया। लेकिन इस दौरान उन्होंने इंडस्ट्री में अपनी किस्मत आजमाने के सपने को बरकरार रखा। वह नौकरी के साथ ही थिएटर में भी काम किया करते थे। थिएटर से अमरीश पुरी ने एक्टिंग की बारिकियों को सीखा। अमरीश पुरी पृथ्वी थिएटर में काम करते थे और सत्यदेव दुबे के लिखे प्ले में वह एक्टिंग करते थे। लंबे संघर्ष के बाद किस्मत ने अमरीश पुरी का साथ देना शुरू कर दिया। 40 साल की उम्र के बाद उन्हें फिल्म इंडस्ट्री में एंट्री का अवसर मिला।
ऐसे बने खलनायक
कुछ फिल्में करने के बाद अमरीश पुरी दर्शकों का ध्यान अपनी ओर खींचने में कामयाब हो गए थे। वहीं साल 1971 में आई फिल्म ‘रेशमा और शेरा’ में उन्होंने अपनी एक्टिंग का ऐसा जादू दिखाया कि वह लाइमलाइट में आ गए। भारी आवाज, रौबदार अंदाज और गुस्सैल आंखों ने अमरीश पुरी को पूरी तरह से खलनायक बना दिया था। खलनायक के किरदार में अमरीश पुरी ऐसी जान फूंकते कि वह बॉलीवुड के मोस्ट आइकॉनिक विलेन बन गए। उन्होंने कोयला, मिस्टर इंडिया, दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे, गदर, नागिन, घायल, राम लखन, त्रिदेव, फूल और कांटे, करण-अर्जुन, इलाका, दामिनी और चाची 420 समेत न जानें कितनी यादगारों फिल्मों में अपनी एक्टिंग का जलवा बिखेर गए।
ब्रेन ट्यूमर से हुई मौत
12 जनवरी 2005 को 72 वर्ष के उम्र में ब्रेन ट्यूमर की वजह से अमरीश पुरी का निधन हो गया। उनके निधन से न सिर्फ दर्शक बल्कि एक बॉलीवुड को भी बड़ा आघात पहुंचा था। भले ही आज अमरीश पुरी हमारे बीच नहीं है। लेकिन उनकी यादें आज भी दर्शकों के दिलों में बसी हुई हैं।