खड़े मसालों में काली मिर्च का नहीं जवाब, काली मिर्च कि खेती बदल देगी किस्मत
काली मिर्च भारतीय रसोई का एक प्रमुख मसाला है। इसके बगैर हम स्वादिष्ट और लजीज सब्जी की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। भारत में सबसे अधिक केरल में काली मिर्च की खेती होती है।
भारतीय रसोई में खड़े मसालों का खूब इस्तेमाल किया जाता है। खाने को लजीज बनाने में काली मिर्च काफी अहम है। उत्तर भारत सहित देश के अन्य हिस्सों में रहने वाले भारतवासी काली मिर्च (गोल मिर्च) का इस्तेमाल लगभग हर सब्जी में करते हैं। सर्दी में तो काली मिर्च गले में खराश और जुखाम को ठीक करने में काफी कारगर साबित होती है। काली मिर्च की खेती किसी की भी किस्मत बदल सकती है।
काली मिर्च भारतीय रसोई का एक प्रमुख मसाला है। इसके बगैर हम स्वादिष्ट और लजीज सब्जी की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं।
भारत में सबसे अधिक केरल में काली मिर्च की खेती होती है। केरल देश में उत्पादिक कुल काली मिर्च का 98 प्रतिशत अकेले ही प्रोडक्शन करता है। केरल के बाद कर्नाटक और तमिलनाडु में किसान सबसे अधिक काली मिर्च उगाते हैं. लेकिन अब उत्तर और नॉर्थ इंडिया में भी किसानों ने काली मिर्च की खेती शुरू कर दी है।
काली मिर्च की खासियत है कि यह ज्यादा न ठंड बर्दाश्त कर पाती है और न ही ज्यादा गर्मी मौसम में जितनी अधिक नमी रहेगी काली मिर्च की फसल उतनी तेजी के साथ ग्रोथ करेगी। खास बात यह है कि काली मिर्च के पौधे छाया में ज्यादा तेजी के साथ बढ़ते हैं। ऐसे में आप काली मिर्च के खेत में नारियल और सुपारी के पौधे भी लगा सकते हैं. दरअसल, काली मिर्च एक तरह की बेल है, जिसे लकड़ी या पेड़ों का सहारा देना पड़ता है।
अगर काली मिर्च की खेती करना चाहते हैं, तो नारियल और सुपारी के पेड़ों से 30 सेंटीमीटर की दूरी पर गड्ढे खोद लें. फिर गड्ढों में खाद, गोबर और मिट्टी मिलाकर भर दें। इसके बाद आप गड्ढों में बीएचसी पाउडर का छिडक़ाव कर काली मिर्च की रोपाई कर सकते हैं। ऐसे दुर्लभ प्रजाति की काली मिर्च की खेती महाराष्ट्र के कोंकण क्षेत्र में की जाती है।
श्रीकारा, पंचमी, शुभंकर और पूर्णिमा काली मिर्च की बेहतरीन किस्में हैं। इन किस्मों को राष्ट्रीय मसाला फसल अनुसंधान केंद्र, कालीकट ने ईजाद किया है। वहीं, कोंकण कृषि विश्वविद्यालय ने पन्नियूर -1 किस्म को विकसित किया है. अगर किसान भाई इन किस्मों की खेती करते हैं, तो अच्छी कमाई कर सकते हैं। अभी काली मिर्च का मार्केट में रेट 700 से 800 रुपये किलो के बीच है. अगर आप एक एकड़ में काली मिर्च की खेती करते हैं, तो बंपर कमाई कर सकते हैं।
काली मिर्च की कलियों की तोड़ाई करने के बाद पहले उसे धूप में सुखाना पड़ता है. फिर दाने निकालने के लिए उसे पानी में कुछ देर के लिए डुबाया जाता है। इसके बाद सावधानी से काली मिर्च निकाली जाती है।